स्क्रिप्ट लिखने का तरीका ( Script writing formet )
तो आप स्क्रिप्ट लिखना चाहते हो । अच्छे स्क्रिप्ट लिखकर नाम, शान और शौरत कमाना चाहते हो तो आप सही वेबसाइट filmiflame.com पर आये हो । हिम्मत और बुलंद हौसले से अब आगे बड़ो और सिको स्क्रिप्ट लिखने का नया सही तरीका 2023 में ।
A) पहले हम, स्क्रिप्ट क्या है ? ( What is script ? ) इसे समजते है : — कथा को दृश्य और श्रव्य मैं ( Audio – visual format ) प्रारूप से एक प्रकार के माध्यम में लिखना ही स्क्रिप्ट कहते है। हम कथा का एक दृश्य ( scene ) में क्या क्या देखते है और क्या क्या सुनते है। उसको वर्णन के रूप में लिखना है । बोले तो. स्क्रिप्ट में दृश्य कहाँ चल रहा है, उस वातावरण और कौनसा समय में हो रहा है, उस में कौन कौन पात्रदारी है, वो क्या क्या बोल रहे है, क्या क्या नटना ( acting ) कर रहे है , और उनका वस्र् विन्यास कैसा है, उनका हाव -भाव, चलन- वलन कैसा है। क्या क्या बोल रहे है, और उनके हाथ मैं कौनसा सामान ( Hand properties ) है , और वो कौनसा आभर्ण (ornaments) पहने हुए है , उस जगह का सामान कौनसा कौनसा ( Set properties ) है। ये सभी का अंको दिखा हाल जैसा , विस्तृत रूपा मैं लिखना ही स्क्रिप्ट है।
( उदाहरण के तौर पर — अब समज लो आप , क्रिकेट खेल का मैच स्टेडियम में हो रहा है । और तुम वहां बैट कर देख रहे हो । अब तुम वहां का, अंको दिखा हाल कैसे लिखते हो, वहां का माहौल कैसा है, कैसे खेल रहे है, और वहां का लोग क्या क्या कर रहे है, और तुम को क्या क्या सुनने को आ रहा है, ये सभी विषय को यथावत लीकना ही स्क्रिप्ट कहा जाता है ) .
B) चित्रीकरण ( शूटिंग ) में स्क्रिप्ट कयोँ आवश्यक माना जाता है :– फिल्म / मूवी / सिनेमा / टीवी सिरिअल्स , एपिसोड / साक्ष्य चित्र / यूट्यूब वीडियो / लगु चित्र / जाहीरातु चित्र / ऐसा सभी दृश्य – श्रव्य माध्यम में एक अच्छा गुणवत्तता एवं निपुणता देने के लिए स्क्रिप्ट अति आवश्यक होता है। क्योँ की फिल्म का चित्रीकरण के समय में एक निर्देशक ( दिग्दर्शक, डायरेक्टर ) को बहुत व्यस्तता ( busy) कार्य काल रहता है कयोँ की वह वहां शूटिंग स्थल को बारीकी से देखना पड़ता है । उस सिन ( दृश्य ) का समय , वहां का नटना वर्ग ( अभिनेता , अभिनेत्री इत्यादि ), उनका वस्त्र वेश् भूषण , आभरण , हाथ में सामान (hand properties ) , उनका नटना ( एक्टिंग ) का हाव्- भाव, बात बोलने का तरीका ( डायलाग ) , और छायाग्राहक (केमरा मेंन) को भी निर्देश देना होता है । लाइटिंग वालो को भी निर्देश देना पड़ता है, ये सभी व्यस्त कार्य के दौरान दिग्दर्शक को उस दृश्य ( सिन ) का सभी पंक्तियाँ टिक तरह याद् नहीं रहता है, कही कुछ को भूले जाते है ।
कयोँ की स्क्रिप्ट बहुत दिन पहले लिखा सो रहता है , बहुत दिनों के बाद सबकुछ याद रखने को नहीं होता है ना तोडा बाउत भूल जाते है ना । और सिन अच्छा नहीं आता है, । इसीलिए शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट अति आवषयक माना जाता है। इसीलिए शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट का महत्व अति अमूल्य होता है । स्क्रिप्ट के उपयोग से दृश्य ( सीन ) को को बहुत अच्छी तरह से अच्छा शूटिंग करने को आता है । सही तरीके और अती उत्तम श्रेणी में प्रस्तुत करने के लिए स्क्रिप्ट अती आवश्यक रहता है।
Scene written script format example ( दृश्य लिका गया स्क्रिप्ट के तरीके का उदाहरण )
C) Script writing in hindi. अब हम, स्क्रिप्ट को कैसे लिखते है और उस में क्या क्या लिखना पड़ता है इस को हम समझेंगे ( How to write the script ) :– दृश्य – श्रव्य ( Audio – Visual ) माध्यम में अनेक प्रकार के स्क्रिप्ट लिखने का तरिकाएं होते हैं । और उस में मेरा नया वाला तरीका स्क्रिप्ट राइटिंग ( लिखने ) का तरीका अच्छा तरीका है ऐसा मौ मानता हूँ । ये तरीका फिल्म / मूवी / वीडियोस / टीवी सिरिअल्स / शार्ट फिल्म्स / शार्ट यूट्यूब वीडियो / डॉक्यूमेंटरीज / अड्वॅरटाइसमेन्ट फिल्म्स / और अन्य दृश्य – श्रव्य माध्यम के चित्रण को अनावरण करने के लिए दिग्दर्शक ( director) का साथ निभाने वाला मित्र ही , सीन्स स्क्रिप्ट होता है । शूटिंग करने के लिए बहुत सरल और आसान होता है , बहुत फ्रेंडली भी रहता है। इस प्रकार के स्क्रिप्ट में आवश्यक सभी विषय लिखा जाता है । जैसे की , 1) जगह का नाम :– कहाँ सिन शूटिंग होने वाला है उस जगह का नाम लिखा जाता है । 2) वातावरण :– जैसे की दिन / रात / सुबह / श्याम / दो पहर ऐसा समय को लिखा जाता है । 3) नटना वर्ग का नाम :– उस दृश्य में कौन कौन अभिनय करने वाले है उस उनका नाम लिखा जाता है। 4) हाथ का सामान :– अभिनय करते समय उनके हाथ में कौनसा सामान या वस्तुवें होते है उसका नाम लिखा जाता है। 5) वस्त्र विन्यास :— उस दृश्य में अभिनय करने वालो का वेश भूषण , कपड़ा कैसा रहना चाहिए उसका वर्णन लिखा जाता है। 6) आभरणा :– अभिनय करने वालो को कौनसा कौनसा आभरण ( गहने ) पहनना चईये उसका नाम लिखना पड़ता है। 7) स्तल ( जगह ) का सामान :— शूटिं होने वाला जगह में कौनसा कौनसा वसुवे एवं महत्व पूर्ण सामान रहना चाहिए उस सामान का सूची लिखना पड़ता है। 8) दृश्य का अनुभाग :— ये एक महत्व पूर्ण विभाग है। इस में उस दृश्य या सीन का पूर्ण विवरण होता है । जैसे की इस दृश्य में अभिनय करने वाला अभिनेता का चाल, चलन, वलन, हांव -भाव , मनोदशा कैसे है . , अभिनय का शैली, उनका नाम और उनका एक्टिंग ( अभिनय ) का पूरा विवरण और उस जगह का विवरण बोले तो कुल मिलाकर सभी विवरण लिखना पड़ता है। 9) श्रव्य ( वाचक , ध्वनि , डायलाग (Dialogues )) अनुभाग :—– अभिनेता का वाचन ( डायलाग ) को लिकना पड़ता है । दृश्य ,श्रव्य, और वातावरण इत्यादि, अन्य सभी जानकारी इस स्क्रिप्ट में मिलता है तो , ये दिग्दर्शक , सयोगी दिग्दर्शक , कला दिग्दर्शक , छायाचित्र ग्राहक ( कैमरा मेंन ) , इन सभी को उस दृश्य का विवरण भले भांति समझने में आता है । तो वो सभी लोग टिक,, अच्छे तरीके से काम कर के, उस दृश्य को चित्रीकरण कर के आदिक गुणवत्तता एवं विशेष रूप देते है । इसीलिए ये आदुनिक फ्रेंडली स्क्रिप्ट है ना !! अब आप सरलता से स्क्रिप्ट लिखाना शुरू कर सकते हो । D) स्क्रिप्ट और स्क्रीन प्ले में अंतर क्या है । ( What is the difference between script and screen play. ) :— स्क्रिप्ट ( script ) में छाया चित्रीकरण ( camera shots ) का विवरण नहीं होता है । । वही स्क्रीन प्ले ( screen play ) में स्क्रिप्ट का सभी विषय रहता है। इस के आलावा छाया चित्रीकरण का विवरण भी रहता है । जैसे छाया चित्रीकरण यन्त्र का दृस्टि कोण ( camera angles ) , उस यन्त्र का चलन – वलन ( camera movements ) , चित्रीकरण का विभाजन ( dividing of camera shots ) , इन सभी का विवरण रहता है .. इस को स्क्रीन प्ले कहते है। E) कैसे स्क्रिप्ट को स्क्रीन प्ले में परिवर्तन करना ? ( How to Convert script into screen play ? ) ;—- स्क्रिप्ट को स्क्रीन प्ले, में बनाने के लिए छाया चित्रीकरण का भाषा आना जरूरी है ।. और उस यन्त्र का चित्रीकरण कोण , उस यन्त्र का चलन वलन का मालूम होना आवश्यक है,। और चित्रीकरण का कैमरा शॉट्स को विभाजन करना भी मालूम होना जरूरी है। तभी टिक तरह से , अच्छे चित्रीकरण का गुणवत्तता उभर आता है। कैमरा शॉट कहाँ , कहाँ , ( कैमरा शॉट्स का डिवाइडिंग ) लेना है । कैमरा शॉट्स, कैमरा मूवमेंट्स , कैमरा एंगल्स को लिखने के बाद ही स्क्रिप्ट को स्क्रीन प्ले कहा जाता है ।। अब आप स्क्रिप्ट लिखने के बारे में जान लिया है । अब आप अच्छे स्क्रिप्ट लिक सकते हो । थोड़ा दीमक में विचर कर के, कथा का सीन्स को मन में मनन कर के, जैसे आंको दिखा हाल , जैसा कल्पना कर के, इस तरीके से लिखना शुरू करो , सिन नंतर सिन आता रहता है । एक हीरो केरैक्टर को चुनकर उसके इरद – गिर्द , लिखा करके कथा को आगे बडाते जावो , आगे बढ़ाते जाओ , लिखते जावो स्क्रिप्ट तैयार होता जाता है। बार बार लिखते जाओ । ये सरल उपाय है ना । अब आप को शुब कामनाएँ देते हुए , अगले आर्टिकल में मिलेंगे, wish you good luck…आप का शुभाकांक्षी — . अ. ब. कोकटनूर. डी.एफ.डी ( डिप्लोमा इन फिल्म डायरेक्शन ) फिल्म दिग्दर्शक।
स्क्रीन प्ले फॉर्मेट ( Screen play format )
This is the article all about Hindi film / script writing in Hindi with example format and also screen play writing in hindi with example.
Wish you good luck to all readers. From, A.B.Kokatnur. D.F.D. ( Diploma in film Direction ) Film Director.
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