1 ) चित्रीकरण की पूर्व प्रक्रिया ( तैयारी ) : ( Pre – Production Stage / Stage Before Shooting, Planning & Development.)
2 ) चित्रीकरण की प्रक्रिया : ( On Production Stage / On Film Shooting Stage .)
3 ) चित्रीकरण के नंतर की प्रक्रिया : ( Post Production Stage / After Film shooting Completed. )
1 ) PRE – PRODUCTION STAGE : —
इस चित्रीकरण की पूर्व प्रक्रिया में कौनसा,कौनसा तैयारीया करना पड़ता है । हिंदी फिल्म कैसे बनाते है । और हर एक वीडियो के लिए भी ज्यादा तर यही तरीका अपनाया पड़ता है।
पहले एक व्यक्ति के मन मैं एक फिल्म बनाने का सोच आता है। वो कोई भी फिल्म निर्मापक होगा या कोई भी कहानी लिखने वाला लेखक होगा उन के मन मैं एक कहानी को फिल्म बनाना चाहता हो । या और कोई भी एक व्यक्ति फिल्म बनाना चाहता है तो तब दो चार लोग बैठकर उस विषय के बारे मैं विचार विमर्श करते है। उस के बाद उस कथा को स्क्रिप्ट के रूप मैं लिखते है। या स्क्रिप्ट राइटर के हांतोसे लिखवाया जाता है । स्क्रिप्ट यानि पट्ट्या कथा तैयार होने के बाद उसके हिसाब से शूटिंग लोकेशंनस को दूंडते है। उस कहानी मैं आने वाला किरदारोके हिसाब से कलाकारोंको चुना जाता है । और शूटिंग ( चित्रीकरण ) करवाने के लिए एक दिग्दर्शक ( फिल्म डायरेक्टर ) को चुने जाते है। निर्मापक और दिग्दर्शक दोनों साथ बैठकर वो फिल्म करने का प्लान बनाते है। अब उस फिल्म को लगनेवाल रुपया व्खर्चा ( Expenditure Budget ) के बारे में सोचकर फिल्म बडजेटिंग ( Film Budgeting ) याने एक अंदाज़ बजट करते है । फिल्म तैयार होने के बाद उस बजट से ज्यादा रकम भी खर्चा हो सकता है या काम भी हो सकता है। इस के बाद संगीत दिग्दर्शक ( म्यूजिक डायरेक्टर ) को चुना जाता है और फिल्म मैं गाना है तो उसको लिखवाकर संगीत संयोजना करवा के शूटिंग से पहले ही गाना तैयार होता है ।
फिल्म निर्मापक ने अपना फिल्म तैयार करने के लिए, ब्यानर और फिल्म का नामको फिल्म चैम्बर की संस्था मैं नोंदणी ( Banner & Film Title Registration In FILM CHAMBER . ) करवाते है। और,
चित्रीकरण की पूर्व प्रक्रिया मैं इदर निचे दिया गया व्यवस्तावो को भी करना पड़ता है। ( BEFORE SHOOTING ARRANGEMENTS ) :—
(1 ) फिल्म दिग्दर्शक ( Film Director.) ( 2 ) निर्मापक ( Producer.) ( 3 ) कथा , गीत का साहित्य , स्क्रिप्ट , संवाद का वार्तालाप , स्क्रीन प्ले ( Story, & Lyrics for songs,, Script, Dialogues ,Screen play. ) ( 4 ) फिल्म बैनर की नोंदणी ( Film Banner Registration.) ( 5 ) फिल्म का शीर्षक का नोंदणी ( Film Title Registration.) ( 6 ) संगीत दिग्दर्शक , गाना ( Music Director and Songs .) ( 7 ) छायाग्राहक यन्त्र , और छायाग्राहक ( Camera & Camera Man.) ( 8 ) अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ( Actors & Actress.) ( 9 ) कलाकारोंका वस्त्र विन्यास, आभरणा ( Costumes & Ornaments.) (10) सौंदर्य प्रसाद और प्रसादक ( Makeup. & Makeup. Man.) (11) नृत्य दिग्दर्शक ( Dance Director.) (12) साहस दिग्दर्शक ( Fight Master.) (12) फिल्म शूटिंग स्थल , कला दिग्दर्शक, सेट्स ( Film Shooting Locations, Art Director & Sets.) ( 13) छायाग्राहक यूनिट और लाइटिंग् , हरा या नीला कपड़ा ( Camera Unit & Lightings. Green or Blue Mat cloth ) (14) फिल्म संकलनकार ( Film Editor.) (15) सार्वजनिक संपर्क अधिकारी ( P.R.O.) (16) प्रोडक्शन व्यवस्थापक , लेखपालको .( Production Manager , Accounts ) ( 17) सरकार से शूटिंग अनुमति पत्र. ( Shooting permission letter from government.) (18) फिल्म शूटिंग के दौरान उन सभी कार्यगत लोगो का रहने का और खाना ,पानी और आने जाने के लिए वाहनोका सौकर्य का इंतज़ाम करना पड़ता है. ( Lodging, Boarding, Vehicles. ) (19) फिल्म का अंदाजा सा बजट.( Film Budget.) इन सभी का तैयारी फिल्म शूटिंग से पहले करना पड़ता है। इस के बाद हम शूटिंग मैं पहुंचते है ।
2) ON – PRODUCTION STAGE : —-
इस चित्रीकरण के प्रक्रिया मैं, फिल्म दिग्दर्शक ( फिल्म डायरेक्टर ) का मुख्या भूमिका रहता है । उदाहरण के तोर पे कहा जाये तो , ये शूटिंग का प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को, समुन्दर मैं जाता हुवा एक बड़ा जहाज जैसा समज लिया तो उस जहाज का कफतान ( कैप्टन ) का काम बहुत बढ़िया रहता है। उस जहाज को सही मार्ग से लेजाने के लिए सभी कर्मचारी योंको सही निर्देश देकर जहाज को आगे बढ़ाते हुये मंजिल तक पहुँचना पड़ता है, वैसा ही काम एक फिल्म दिग्दर्शक का होता है।
मुख्य फिल्म दिग्दर्शक का अपना दिग्दर्शक टोलि ( टीम ) होता है । उस मैं एअक , या दो उपा सहयोगी दिग्दर्शक रहते है और चार से पांच या छे सहायक दिग्दर्शक रहते है । चित्रीकरण मैं एअक, एअक सययक दिग्दर्शक को ,एक, एक काम सौंपा जाता है , जैसे क्लैप बोर्ड देना, स्थल मैं डायलाग रिकॉर्डिंग करना , कलाकारोंका वस्त्र विन्यास का शॉट दर शॉट कॉन्टिनुइटी देखना, नट्टने ( एक्टिंग ) का कॉन्टिनुइटि देखना, कलाकारोंको वार्तालाप ( डायलाग ) का अभ्यास लेना , इत्यादि काम रहता है। और उप सहयोगी दिग्दर्शक शूटिंग का वातावरण को तैयार करना , शॉट का पूर्वाभ्यास ( रिहर्सल ) लेना ऐसा काम करते है। और संकलन का रिपोर्ट ( एडिटिंग रिपोर्ट ) लिखा जाता है । इसका कुलमिलाकर जायज़ा लेने का काम मुख्या दिग्दर्शक करता है, और कैमरा मन को कैमरा कहा रक् कर शूटिंग लेना, और कलाकारों को उस स्तल मैं कहाँ ठहरने का , कहाँ से आने का क्या क्या संबाशन ( डायलाग ) कैसे बताने का और उनका मेकअप परीक्षण करनेका और लाइटिंग्स को कैसे देने का , आखिर मैं उस दृश्य का शॉट्स को कलाकारोंसे करवा के उसे कैमरा मैं दृश्य को उतरवाना ऐसा सभी मुख्य जिम्मेदारी , एक मुख्य दिग्दर्शक का होता है शूटिंग मैं ये सभी लोग अपना अपना दिया हुवा काम करते है,
1 ) स्क्रिप्ट के हिसाब से स्थल मैं होरांगन ( आउटडोर ) या वलांगन ( इंडोर ) मैं फिल्म शूटिंग करना ( लोकेशंनस : इंडोर / आउटडोर ) ( Locations : indoor / Outdoor. ) ( 2 ) गानोका (सांग्स( Songs)) बचित्रीकरण मैं , नृत्य दिग्दर्शक (Dance Director (कोरिओग्राफर ) ), डॉल्बी साउंड सिस्टम ( Dolby sound system ) , और कलाकार नाचते है ( 3 ) फाइटिंग दृश्य मैं, साहस मास्टर यानि फाइट्स दिग्दर्शक ( Stunts Master / Fights Director ) , और कलाकार, रहते है. ( 4 ) छायाग्राहक यन्त्र ( कैमरा ), और अनेक तरह का दर्पण (लेन्सेस ), प्रकाश ( लाइट्स ) ,( लाइट कटर्स ), हरा या नीला कपड़ा ,फोटोग्राफर, ट्रैक , ट्राली, कैमरा क्रेन ,धरोन रहता है. ( Camera, Lenses , Lights, Light Cutters, Photographer, Track & Trolly, Crane, Drone ( 5 ) प्रसाधन सामान ( मेकअप कीटस / Makeup Kits ), प्रसाधन करनेवाला ( मेकअप मन / Makeup Man) . ( 6 ) डायलॉग्स का सीधा मुद्रण ( डायरेक्ट डबिंग / Direct Dubbing ) ( वौइस् रिकॉर्डिंग / Voice Recording ). ( 7 ) चित्रीकरण मैं भाग लेने वाले सभी लोगो का खाना ( Meals ) , वसति ग्रह ( Lodging ) , वाहनोका इंतज़ाम ( Vehicles ) . ( 8 ) मुख्या दिग्गर्शक, सहायक दिग्दर्शक, स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले, रेडी सांग्स, सीन्स ब्रेक डाउन चार्ट , एक्टर्स कॉल शीट चार्ट , संकलन विवरण हस्तप्रति ( एडिटिंग रिपोर्ट)। : ( DIRECTOR , Associate Directors, Assistant Directors, Script, Screenplay, Ready Songs, Scenes Breakdown Chart, Actors Call Sheet Chart, Editing Report ) . ( 9 ) सुरक्षा कर्मचारि ( सेकुरीटि पर्सन्स / Security Persons ) . (10 ) सार्वजनिक संपर्क गुमस्त ( Public Relation Officer ) . ( 11) हिसाब किताब रखने वाले मुनीम ( एकाउंटेंट्स / Accountants ) . ( 12 ) निर्मापक ( प्रोडूसर / Producer ) इन सभी लोगो का कार्य से फिल्म शूटिंग सम्पन्न होता है। इस के बाद अब तीसरा चरण आता है । उसे पोस्ट प्रोडूक्शन स्टेज कहलाते है।
3) POST – PRODUCTION STAGE. : —-
सभी चित्रीकरण सम्पन्न होने के बाद , चित्रीकरण का उत्तरोत्तर हिस्सा आता है.। उसे पोस्ट प्रोडक्शन स्टेज कहते है । इस प्रक्रिया मैं फिल्म का संकलन ( एडिटिंग / Editing ) का काम होता है। इस मैं अच्छे तरह से लिया गया छायांकन चित्रिकाओको (Shots) संकलन रिपोर्ट ( Editing Report ) मैं देखकर अच्छे अच्छे शॉट्स को उस दृश्य ka स्क्रीनप्ले ( Screenplay ) के हिसाब से एक के बाद एक यानि, मिड शॉट ( Mid Shot ) , क्लोज़अप शॉट ( Closeup Shot ) , लॉन्ग शॉट ( Long Shot ) , प्रोफाइल शॉट Profile Shot ) , सजेशंन शॉट ( Suggestion Shot ) , ट्राली शॉट( Trolly Shot ) , धरोन शॉट ( Dhrone Shot ) , ऐसे शॉट्स को बिना एडिटिंग जम्प ( Without Editing Jump ) से मिलाया जाता है। और उस के बाद , ग्रफिक्स, किया जाता है ।
संक्षेप मैं बताना है तो , 1) फिल्म संकलन ( फिल्म एडिटिंग ) ( 2) ध्वनि संयोजना ( डायलॉग्स डबिंग / Audio Dubbing ) , स्पेशल इफेक्ट्स संकलन / Special Effects Adding ) (3) संगीत ( म्यूजिक / Music ) (4) डी टी एस ( डिजिटल थिएटर साउंड / Digital Theatre Sound ) , डिजिटल सारौँद साउंड फॉर्मैटस ( Digital Surround Sound Formats ) ( 5) सेंनसार सर्टिफिकेट ( Censor Certificate) (6) जाहिरातू ( Advertisements ) (7) फिल्म का वितरण ( Film Distribution) इसी तरह हिंदी फिल्म्स या अन्य फिल्म्स / मूवीज / वीडियोस / यूट्यूब वीडियोस / साक्ष्य चित्र ( डाक्यूमेंट्री ) / जाहिरातू फिल्म्स / फीचर फिल्म्स / बालीवुड फिल्म्स / सांडलवुड फिल्म्स बनाते है। सभी वाचक मित्रो इस आर्टिकल से आप को थोड़ा बहुत फिल्म के बारे मैं जानकारी मिला होगा ,
फिल्म को डबिंग ( Dubbing ) में लेके जाते है . इधर साउंड प्रूफ स्टूडियो मैं फिल्म का टुकड़े को दिखाकर डबिंग आर्टिस्ट या कही हीरो , हीरोइन अपना खुद का ध्वनि देकर डायलाग को मूड के हिसाब से फिर एक बार ,बताकर रिकॉर्डिंग किया जाता है। इस के बाद फिर एक बार एडिटिंग स्टूडियो मैं टिक तरह से दृश्य और श्रव्य ( विसुअल और ऑडियो / Visual & Audio ) को मिलाकर जोड़ते है । इस के बाद उस फिल्म को संगीत दिग्दर्शक ( म्यूजिक डायरेक्टर / Music Director) संदर्भानुसार म्यूजिक बजाके , या उसka अनुलोम ( Matching ) होने वाला म्यूजिक स्ट्रिप को जोड़कर और कुछ स्पेशल साउंड इफेक्ट्स ( Special Sound Effects ) डालकर फिल्म मैं जोड़ा जाता है। उस के बाद डी,टी एस ( DTS) ( डिजिटल थिएटर साउंड ( Digital Theater Sound ) , डिजिटल सारौँड साउंड फॉर्मयटस (Digital Surround Sound Performance) ) लगाते है। उसके बाद सेंनसार सर्टिफिकेट ( Censor Certificate ) लिया जाता है। जाहिरात करते है। फिल्म को वितरण करते है, थिएटर रिलीज़, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स रिलीज़ करते है,
और अन्य आसक्त लोगो मित्रोंको, यानि FILM DIRECTION COURSE , FILM PRODUCTION COURSE , FILM ACTING COURSE , ONLINE FILM COURSE , FILM STUDY COURSE , सिखनेवाले छात्रों का उपयोग के लिए ,… इसे उपकार के तैरपर लोगोंको शेयर करो ,आप चाहिए तो शेयर करो , आप के कारण अन्य मित्रो को उपकार होता है शुभ दिन ………, और शुभ कामनाओंके साथ …….., धन्यवाद ……,,,,,,,, filmiflame.com लेखक…………. ए. बी. कोकटनूर . डी.एफ.डी. फिल्म दिग्दर्शक.
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